सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥ सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥
लक्ष्मण का बचाया प्राण की जब लगा था शक्ति बाण। पर्वत को उठा लाया पाया नहीं संजीवनी की लक्ष्मण का बचाया प्राण की जब लगा था शक्ति बाण। पर्वत को उठा लाया पाया नहीं सं...
जिस दिन मिलेगी दोनों को आन-बान-शान। जिस दिन मिलेगी दोनों को आन-बान-शान।
खुद से ही पूछती हूं, आखिर कौन सी दुनिया में रहती हो तुम ? खुद से ही पूछती हूं, आखिर कौन सी दुनिया में रहती हो तुम ?
हर हिंदुस्तानी की जुबाँ पे वन्दे मातरम ही नाम है ये। हर हिंदुस्तानी की जुबाँ पे वन्दे मातरम ही नाम है ये।
तब हम गर्व से कहेंगे ए है हमारी देश भक्ति की पहचान। तब हम गर्व से कहेंगे ए है हमारी देश भक्ति की पहचान।